DESI FUNDA - शंखपुष्पी

अनिद्रा दूर कर याददाश्त बढ़ती - शंखपुष्पी 

आयुर्वेद में शंखपुष्पी का काफी महत्त्व बताया गया है | इसमें फूल शंख के समान दिखाई देने के कारण इसे शंखपुष्पी कहा गया है |  शंखपुष्पी का प्रयोग शरीर को रीलेक्स करने के लिए किया जाता है | याद्दाश्त बढ़ाने वाली शंखपुष्पी को बुद्धिवर्धक भी कहा जाता है | जानते हैं इसके फायदे - 

इसका सेवन करने से पाचक अग्नि तेज होती हैं, कुष्ठ व कृमियों का नाश होता है और पित्त का शमन होता है | यह मिर्गी रोग की उत्तम औषधि है | 

दिमाग को तेज करने के साथ शक्ति देने वाली जितनी वनस्पतियां हैं | उनमें शंखपुष्पी अहम है | ये स्मरण शक्ति की कमजोरी यानि मुख्य रूप से मस्तिष्क संबंधित रोगों में विशेष लाभ प्रदान करती है | 

थायराइड ग्रंथि के अतिस्त्राव से होने वाली घबराहट, अनिद्रा तथा कम्पत्र जैसी उत्तेजना को नियंत्रित करने की शक्ति शंखपुष्पी में विधमान है | यह औषधि थायराइड की कोशिकाओं पर प्रभाव डालकर उसके स्त्राव को संतुलित करती है | बीपी में यह खास फायदेमंद है | सुखी हुई शंखपुष्पी 250 ग्राम, जटामांसी 150 ग्राम लेकर दोनों को पीसकर चूर्ण बनाकर सूखा लें | अब 3 - 5 ग्राम की मात्रा में दिन में 3 बार जल के साथ लें | हाईबीपी की समस्या दूर होगी | 


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