अर्धविराम ( ; )का परिचय

हिंदी भाषा में विराम चिन्हों का अत्यधिक महत्त्व है।  रुकने के लिए पूर्ण विराम, अल्पविराम के साथ अर्धविराम का भी प्रयोग किया जाता है।  ववकयों में अर्धविराम की अपनी महत्ता है।  अंग्रेजी में इस चिन्ह को सेमीकोलन कहते हैं, क्योंकि इसकी आकृति कोलन के बिंदु तथा कॉमा के योग से बनाई गई है। 

अर्धविराम क्या है।  जब अल्पविराम से अधिक तथा पूर्ण विराम से कम रुकने की अपेक्षा किया जाता है।

उदाहरण - आकाश में काले - काले बादल छा गए; बिजली चमकने लगी; बादल गरजने लगे और वर्षा की बूंदे टप - टप धरती पर गिरने लगीं। 

उदाहरण - जागेश्वर अपने बच्चों के लिए दिल्ली से कपड़े लाए; आगरा से पेठा लाए; ग्वालियर से रेवड़ी लाए और झांसी से खिलौने लाए। 

अल्पविराम और अर्धविराम में अंतर - किसी वाक्य में अनेक कर्ता / संज्ञाए आएं तो अंतिम दो कर्ता / संज्ञाओं के बीच 'और' लगते हैं तथा पूर्व के सभी कर्ता / संज्ञाओं में अल्प विराम लगाया जाता है।  जैसे - राम लक्ष्मण, भरत और शत्रुघन अध्ययन करने गए। 

किसी वाक्य में आने वाले सभी वाक्यांशों के बाद अर्धविराम लगाते हैं | ध्यान रहे कि अंतिम दो वाक्यांशों के बीच 'और' लगाते हैं, अर्धविराम नहीं लगाते।  यथा - गुजरात में मकर संक्राति की धूम थी; घर - घर में ऊदिया भोज की सुगंध उठ रही थी; आकाश पतंगों से इंद्रधनुषी बन गया था; लोग गान - तान में मस्त थे और सतमंजलि भवनों की छत पर छोटी दावतें चल रही थीं।


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