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साथ - साथ दौड़िए प्रसन्न रहिए
साथ - साथ दौड़िए प्रसन्न रहिए
कहते हैं की इंसान समूह में ज्यादा सहज होता है, समूह में रहने से व्यक्ति का ज्ञान और जीवन बेहतर होता है। जब भी हम कमजोर पड़ते हैं तो किसी का साथ हमें संबल देता है किसी के साथ होने की मानसिक ख़ुराक हमारे अंदर की निराशा को कम करते हुए आत्मशक्ति बढ़ाती है।
समूह में रहने की इस सकारात्मक परिणमों में एक कड़ी और जोड़ते हुए ओहियो स्टेट विश्वविघालय के मेडिकल सेंटर के न्यूरोसाइंस विभाग के प्रोफ़ेसर मैंथू में यह बताया है कि जब व्यक्ति एक साथ दौड़ते हैं, तो उससे उनके अवांछित फैट में 50%बढ़ जाती है। रिचर्ड कहते हैं कि यदि आप सामाजिक हैं, और मित्रों के साथ दौड़ते हैं या वर्कआउट करते हैं, तो यह आपके मन को प्रसन्न रखने के साथ - साथ शरीर को भी शेप में सलाह भी देते हैं कि यदि आप किसी लाइन में अकेले खड़े हैं और कण में इयर फ़ोन लगाकर सुन रहे हैं, तो बेहतर यह होगा कि अपने आगे पीछे खड़े लोगों से बातचीत करें। वेक फॉरेस्ट विश्वविघालय ने शोध में पाया की जो लोग लंबी कतारों में खड़े लोगों से बातचीत करते हैं, वे अपने, निजी जीवन में ज्यादा ख़ुशनुमा होते हैं।
लंबा जीवन जीना है, तो धीमे दौड़िए।
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