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बथुआ
बच्चों के पेट में कीड़ों की समस्या दूर करता :- बथुआ
बथुए को साग की तरह खाने के अलावा लोग रायते के रूप में भी खाते हैं। इसमें आयरन, कैल्शियम, विटामिन-ए, फॉस्फोरस, पोटेशियम आदि पोषक तत्त्व भरपूर मात्रा पाए जाते हैं। रक्त शोधन करने के अलावा यह अन्य कई प्रमुख रोगों के इलाज और बचाव में भी उपयोगी है।
सफेद दाग, फोड़े-फुंसी, कुष्ठ जैसे त्वचा रोगों में राहत के लिए इसे खा सकते हैं। उबालकर इसका रस पीने और सब्जी बनाकर भी खा सकते हैं। बथुए के उबले पानी से त्वचा को धोने से भी फायदा होता है।
बथुए को नैचुरल प्यूरीफायर भी कहते हैं। यह रक्त में मौजूद विषैले पदार्थों को बाहर निकालता है। इसके लिए बथुए को नीम की 4-5 पत्तियों के साथ मिलाकर खाने से रक्त साफ होता है। साथ ही पाचन दुरुस्त रहता है।
अक्सर बच्चों के पेट में कीड़े होने की शिकायत होती है। ऐसे में यदि उन्हें बथुए का साग बनाकर खिलाएं तो फायदा होगा। बथुए के पत्तों को धोकर आटे में गूंथकर रोटी या परांठा बनाकर भी दे सकते हैं। इसके अलावा कच्चे बथुए के एक कप रस में स्वाद के अनुसार नमक मिलाकर भी दिया जा सकता है।
यूरिन करने के दौरान यदि जलन की समस्या रहती है तो आधा किलो बथुए को तीन गिलास पानी में उबालें और फिर इस पानी को छानकर पिएं। इसमें पिसी कालीमिर्च, नींबू का रस व सीधा भी मिलाकर पी सकते हैं।
NOTE :- ध्यान रखें कि सीमित मात्रा से ज्यादा खाने पर डायरिया की समस्या हो सकती है।
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