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तनाव को समझें और जीतें
तनाव या प्रेशर को सामान्यत: नकारात्मक रूप में देखा जाता है, परंतु वास्तविकता इससे भित्र है। कुछ सफल विजेताओं के अनुसार तनाव एक बेहद सकारात्मक चीज़ है।
जैसे की फ़ुटबॉल - खिलाड़ी नेमार कहते हैं, 'तनाव से मेरा प्रदर्शन सुधरता है।' वहीं क्रिकेट - खिलाड़ी विराट कोहली का बताना है, 'प्रेशर या तनाव से मुझे और बेहतर करने की प्रेरणा मिलती है।'
तो क्या वाकई तनाव जीवन के लिए ज़रूरी है ? मनोविज्ञान के मुताबिक तनाव बेहतर काम, सफलता के लिए एक अनिवार्य तत्त्व है, परंतु ये भी सत्य है कि 'अति सर्वत्र वर्जयेत।' तनाव जब सीमा से अधिक हो, तो परिमाण नकारात्मक होने लगते हैं। ख़ुशियों की कमी महसूस होती है। जीवन में तनाव इसलिए ज़रूरी जा क्योंकि-
* हमारा ध्यान या फ़ोकस बढ़ता है।
* हमारे प्रयासों में पूर्णता आती है।
* कार्य की शुद्धता में वृद्धि होती है।
* और-बेहतर की और क़दम बढ़ते हैं।
* हमारी स्वयं की संभावनाएं बढ़ती हैं।
लेकिन तनाव का अतिरेक घातक हो सकता है। जिसे हम निम्न तरीक़ों से नियंत्रित कर सकते हैं-
स्व उत्साही बनें : नित्य श्रेष्ठ किए कार्य को सोच ख़ुद को सकारात्मक रखें।
व्यायाम के लिए समय निकालें : स्वस्थ तन में ही स्वस्थ मन वास करता है।
पर्याप्त नींद लें : कम से कम 6 घंटे अवश्क लें नहीं नहीं तो तन-मन दोनों की कार्य-क्षमता प्रभावित होती है।
डायरी लिखें : डायरी लिखने से स्वयं की वास्तविक मन:स्थिति ज्ञात होती है, करना चाहिए।
निंदा-कार्यों से दूर रहें : किसी की निंदा से हमारा भला नहीं होता, हां हमारी छवि अवश्य प्रभावित होती है...
मित्रों - ये स्वयं पर निर्भर करता है, हम चाहते क्या हैं _ टेंशन या अच्छी पेंशन।
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