पहचान

अलग से एक पहचान हो,
चुडीयों की खनक औऱ पायल की छनछन से दूर,
आशाओं के बादल में हर लडकी की उडान हो।।
कुरीतियों के पिंजरे में साँसें अनमनी सी लगती हैं,
स्वछंद पंक्षियोंं के पंखों की परवाज हो,
हर लडकी की जिंदगी उसकी खुद की लिखी किताब  हो।।
बिन माँगे मश्वरों की फिर से ना बौछार हो,
मन की कोमलता है मगर हौसलों से पहचान हो।।
अलग से एक पहचान हो।

Comments