पोहा

हैल्दी ब्रेकफास्ट है पोहा 

पोहा एक पारंपरिक ब्रेकफास्ट है, जो लंबे समय से भारतीय घरों की पसंद बना हुआ है। भले ही मार्केटिंग के नए-नए फंडे इसके बदले कथित हैल्दी ओट्स या महंगे पैक वाले क्विनोआ खाने की पुरजोर पैरोकारी करते हों, लेकिन पोहा न सिर्फ सस्ता और आसानी से तैयार होने वाला नाश्ता है बल्कि काफी पौष्टिक भी है। इसमें तरह-तरह के जो पौष्टिक तत्व पड़ते हैं वे इसे काफी हैल्दी बना देते हैं। हैल्थ और न्यूट्रिशन एक्सपर्ट अभी भी हमारे इस देशी नाश्ते के पक्ष में है

सुपाच्य नाश्ता - पोहा पेट के लिए बेहद हल्का और सुपाच्य होता है इसलिए इसे खाने के बाद गैस या ब्लॉटिंग जैसी समस्याएं नहीं होती। 

ग्लूटेन फ्री - कई लोगों को गेहूं में मौजूद ग्लूटेन से एलर्जी होती है। उनके लिए पोहा एक अच्छा विकल्प है। क्योकि यह चावल से बनता है और इसमें किसी प्रकार के प्रिजर्वेटिव भी नहीं होते। 

ब्लड शुगर कंट्रोल - चावल से बना होने के कारण पोहा विटामिन बी से समृध्द फूड है, इसलिए यह ब्लड शुगर कंट्रोल करने में मददगार है। 

कार्बोहाइड्रेट का स्रोत - पोहा में 76.9 फीसदी कार्बोहाइड्रेट और 23.1 फैट्स होते हैं। हमारे शरीर को सुबह काबर्स के रूप में एनर्जी की जरूरत होती है, इसलिए पोहा एक अच्छा नाश्ता माना जाता है। 

यूं है हैल्दी साथी - पोहा बनाते वक्त इसमें करी पत्ते डाले जाते हैं। ये फाइबर, कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम, फॉस्फोरस, आयरन, विटामिन (ए, बी, सी,ई )आदि का अच्छा स्रोत हैं। इनसे हार्ट रहता है इंफेक्शन दूर रहते रहता है और स्किन व् हेयर भी हैल्दी रहते हैं। पोहे में टमाटर और गाजर डालते हैं ये विटामिन ए,ई,सीके अच्छे स्रोत होने के साथ ही एंटी    ऑक्सीडेंट के भी  अच्छे स्रोत होते हैं। अवसर इसे बनाने के लिए के लिए इस्तेमाल होता है। ये जोड़ों को स्मूद रखते हैं और स्किन के लिए भी अच्छे होते हैं। पोहा में प्रोटीन नहीं होता, लेकिन पारंपरिक रूप से पकाते समय इसमें मूंगफली डाली जाती है, इसलिए इससे प्रोटीन भी मिल जाता है। 

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