काचरी विटामिन सी का अच्छा स्रोत होने के साथ साथ अनेक पौष्टिक तत्वों की खान है। गर्म तसीर वालों को इसका अधिक सेवन नहीं करना चाहिए। अपनी अनोखी खुशबु के कारण राजस्थानी भोजन का अहम शाक है काचरी
बिगड़े जुकाम में राहत - विटामिन सी व अन्य विटामिनों के कारण जुकाम में इसके सेवन से राहत मिलती है। इसकी चटनी लाल मिर्च के साथ बनाकर गर्म गर्म खाने से जुकाम में फायदा होता है।
भूख बढ़ाती है - काचरी का शाक यदि ग्वार फली के साथ मिलाकर बनाया जाए व बाजरा-मक्का की रोटी के साथ खाया जाए तो कुछ ही दिनों में भूख खुल कर लगने लगती है। यह पेट के विकार दूर करती है।
कब्ज से बचाव - काचरी की चटनी, सब्जी या कच्चा खाने पर इसके बीजों से पेट साफ होता है। कब्ज नहीं होता।
पथरी को नष्ट करती - काचरी का सेवन मूत्रवर्धक है। काचरी में निहित तत्व गुर्दे की पथरी का नाश करके उसे बाहर निकालने में सहायक माने जाते है।
काचरी में निहित ताजगी भरी खुशबु तरोताजा रखने साथ -साथ रक्त को शुद्ध करती है जिससे त्वचा में चमक आती हैं।
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