राष्ट्रभाषा

राष्ट्रभाषा बनाने के प्रस्ताव का 100वां साल - इंदौर में 1910 में गांधीजी की प्रेरणा से मध्यभारत हिंदी साहित्य समिति बनी। 29 मार्च 1918 को समिति के आठवें अधिवेशन की अध्यक्षता करते हुए गांधीजी ने पहली बार हिंदी को देश की राष्ट्रभाषा का दर्जा देने की बात कही थी। यह उस पहल का आज सौंवा साल है। 

किन देशों में हिंदी बोलने वाले - वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक भारत में 41.03 फीसदी की मातृभाषा हिंदी है।हिंदी को दूसरी भाषा के तौर पर इस्तेमाल करने वाले अन्य भारतीयों को मिला लिया जाए तो देश के लगभग 75 प्रतिशत लोग हिंदी बोल सकते हैं। इन्हें मिलाकर पूरी दुनिया में तकरीबन 80 करोड़ लोग ऐसे हैं, जो इसे बोल या समझ सकते हैं। भारत के अलावा इसे  नेपाल, मॉरिशस, फिजी, सूरीनाम, यूगांडा, दक्षिण अफ्रीका, कैरिबियन देशों ट्रिनिडाड एवं टोबेगो और कनाडा में बोलने वालों की अच्छी-खासी संख्या हैं। 

इंटरनेट पर अंग्रेजी से 5 गुना लोकप्रिय - गूगल इंडिया की बात करें तो वर्ष 2015-2016 में आई एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में पांच में से एक यानी करीब 21 प्रतिशत लोग इंटरनेट हिंदी में देखना पसंद करते हैं। ऐसे में देश में हिंदी सामग्री की खपत सालाना 94 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है। जबकि अंग्रेजी सामग्री की खपत में सिर्फ 19 फीसदी की वृध्दि दर्ज की गई है। जाहिर है हिंदी अपना जायज स्थान पा रही है। 

 

 

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