आज के समय स्री मांगती है वैचारिक स्वतंत्रता / Today's ideology demands ideological independence

आज के समय स्री मांगती है वैचारिक स्वतंत्रता 

आज की स्री छोटे - छोटे कामों के लिए किसी पर निर्भर नहीं है | मोबाईल फोन और दोपहिया वाहन के आने से स्री काफी हद तक मटीरियल फ्रीडम को जी रही है व्ही 'राइट टू अबॉर्शन ने भी स्री की स्वतंत्रता को काफी बढ़ावा दिया है | 

कभी स्त्रियों की स्वतंत्रता का हनन हुआ तो कभी उसे देवी का रूप मान कर  उसकी पूजा की गई | 

चाहो तो अपने पुस्तकालयों पर ताला लगा लो पर ऐसा कोइ दरवाजा या ताला नहीं है, जो मेरे विवेक की स्वतंत्रता को बांध सके | 

 Today's ideology demands ideological independenceToday's ideology demands ideological independenceToday's little children are not dependent on small things. With the introduction of mobile phones and two-wheelers, there is a great deal of material freedom to live. Even 'Right to Abortion' has given a lot of boost to freedom of women.Once the freedom of women was violated, then it was worshiped as a deity and worshiped it.If you want to lock your libraries but there is no door or lock, which can bind the freedom of my conscience.

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