Skip to main content
पटाखे चलाते समय हमेशा रखें फर्स्ट एड बॉक्स साथ
दीयों और पटाखों के त्यौहार दीवाली का मजा तभी है जब थोड़ी सावधानी बरती जाए। दीवाली के दिन दीयों या पटाखों से कोई अनहोनी न हो इसके लिए जरूरी है कि अपना फर्स्ट एड बॉक्स पहले से ही तैयार रखा जाए। इससे जरूरत होने पर आप तुरंत प्रभावी कदम उठा सकेंगे।
जले हुए हिस्से पर इंफेक्शन की आशंका बढ़ जाती है। ऐसे में एंटीसेप्टिक लगाना जरूरी है। इससे प्रभावित हिस्सा डाई होने से भी बचता है।
आँखों का ख्याल - पटाखे फोड़ते वक्त आखों में कोई टुकड़ा या चिंगारी जाने की आशंका रहती है। ऐसा होने पर आँखों को तुरंत पानी से साफ करें। राहत न मिलने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाएं। अगर आप कॉन्टेक्ट लेंस पहनते हैं, तो आखों को पानी से साफ करने से पहले लेंस हटाना न भूलें।
पास रखें ठंडा पानी - बर्फ और ठंडे पानी की व्यवस्था जरूर रखें। अगर गलती से शरीर का कोई हिस्सा जल जाता है तो उस पर तुरंत ठंडा पानी डालें। पानी तब डालते रहें जब तक जलन कम न हो जाए। जलन कम होने पर ही दूसरी किसी चीज का इस्तेमाल करें।
एंटीसेप्टिक लोशन - जले हुए हिस्से पर इंफेक्शन की आशंका बढ़ जाती है। ऐसे में एंटीसेप्टिक लगाना जरूरी है। इससे प्रभावित हिस्सा डाई होने से भी बचता है। डॉक्टर की सलाह पर एंटीसेप्टिक लोशन या दवाइयां खरीद कर रखें। दौड़-भाग के चलते कई बार बच्चे या बड़े गिर जाते हैं जिससे चोट भी लग जाती है। ऐसे में बैंडेज, डॉक्टर, टेप, छोटा कॉटन रोल, कैंची, घाव धोने के लिए एंटीसेप्टिक लोशन और क्रीम पास रखना चाहिए।
ढक कर रखें घाव - जले हुए हिस्से को मेडिकेटेड पट्ट्टी से ऐसे ढक कर रखें कि प्रभावित हिस्से पर दबाव न पड़े। रुई से न ढकें क्योंकि यह स्किन पर चिपक सकता है।
यह भी रखें ख्याल - जले हुए हिस्से पर सीधा बर्फ न रगड़ें, इससे त्वचा खराब हो सकती है।
फफोला पड़ने पर उसे पर फोड़े नहीं, इससे संक्रमण हो सकता है। फफोला के अपने आप फुट जाने पर एंटीबायोटिक लोशन से साफ करें और ऑयन्टमेंट लगाएं।
हल्का जले होने पर एक सप्ताह में घाव भर जाता है। इसके बाद भी दर्द, जलन, सूजन, बुखार या त्वचा का लाल होना जैसे लक्षण दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर सलाह लें।
कुछ घरेलू उपाय:-
हल्दी: हल्दी का पेस्ट बना लें जले हुए हिस्से पर लगाएं। इससे जलन से तुरंत राहत मिलेगी क्योंकि यह शरीर के तापमान को कम करता है।
शहद: शहद की ठंडी तासीर की वजह से इसे भी जले हुए हिस्से पर लगाया जा सकता है। शहद रगड़ने की बजाय उस जगह पर शहद गिराना चाहिए।
एलोवेरा: इसके गुदे को सीधा जले हुए जगह पर लगाएं। इससे जलन कम होगी और फफोले पड़ने की आशंका भी नहीं रहेगी।
नारियल तेल: एंटी फंगल और एंटी बैक्टीरियल गुण होने की वजह से इसका इस्तेमाल जले हुए हिस्से पर किया जा सकता है।
Comments